NPS vs OPS
OPS vs NPS की आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए अभी सरकारी कर्मचारी एकजुट होकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे थे। इनकी संख्या 10 साल पहले हुए अन्ना आंदोलन से भी ज्यादा बताई जा रही थी। इसलिए आज हम इस बड़े वर्ग की इस परेशानी के बार में विस्तार से जाने वाले हैं। Old Pension Scheme को कांग्रेस अपने राज्यों में सरकार बनाकर लागू करते जा रही। वहीं इसके विरोधियों और New Pension Scheme के समर्थकों का कहना है कि इससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा। लेकिन 2024 में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ये एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जिससे जनता का सीधा सरोकार है।
OPS vs NPS
अटल विहारी वाजपेयी की केंद्र सरकार ने 22.12.2003 को केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (NPS) की शुरुवात की, जिसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली भी कहा जाता है। इसे 01.01.2004 से लागू कर दिया गया। यह कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सह निवेश योजना (voluntary retirement cum investment scheme) है। एनपीएस योगदान को बाजार से जुड़ी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है, और कर्मचारियों को अपने संचित योगदान की 60% राशि एकमुश्त प्राप्त होती है बाकी का शेष 40% राशि मासिक पेंशन के रूप में वितरित की जाती है। जबकि OPS सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को निश्चित पेंशन प्रदान करता है। पेंशन राशि उनके अंतिम प्राप्त वेतन का 50% होता है।
नई पेंशन स्कीम NPS शेयर बाजार पर आधारित है इसलिए इसमें कुछ भी फिक्स नहीं। शेयर बाजार पर आश्रित है इसलिए टैक्स भी लगेगा। महंगाई भत्ते का कोई लाभ नहीं।
वहीं दूसरी तरफ पुरानी पेंशन OPS में जो जिस सैलरी पर रिटायर होगा उसे उसकी आधी सैलरी पेंशन के रूप में मिलेगी। अगर रिटायर्ड व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन मिलेगी।
लोगों का कहना है – “आदमी इसीलिए तो नौकरी करता है, अगर बुढ़ापे में उसके पास पैसा नहीं होगा तो वो क्या करेगा ? फिर जब आप विधायक-सांसद को पेंशन दे ही रहे हैं जबकि यह जानते हुए कि वह करोड़पति हैं तो फिर आम कर्मचारी को क्यों नहीं ?”
Key Points About Old Pension Scheme #OPS
- इस स्कीम में रिटायटमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार के राजकोष से होता है।
- इस स्कीम में 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
- रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
- पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान है।
- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते (DA) का प्रावधान है।
Key Points About New Pension Scheme #NPS
- इस स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी के साथ महंगाई भत्ते (DA) का 10% हिस्सा कटता है।
- एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यह सुरक्षित नहीं है।
- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है।
- यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
- एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
- इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।